विशेषण (Adjective)
विशेषण (Adjective)
विशेषण :- जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता (गुण,दोष ,अवस्था,परिमाण या संख्या) का बोध कराते है, उन्हें विशेषण कहते है। जैसे - १.टोकरी में मीठे संतरे है। २.रीता सुंदर है। इन वाक्यों में मीठे से संतरे की,सुंदर से रीता की विशेषता प्रकट होती है। यहाँ मीठे और सुंदर शब्द विशेषण है,क्योंकि संज्ञा मीठे और सुंदर की विशेषता बताते है।
विशेषण के प्रकार
विशेषण निम्नलिखित पाँच प्रकार होते है -
(1)गुणवाचक विशेषण (Adjective of Quality)
(2)संख्यावाचक विशेषण (Adjective of Number)
(3)परिमाणवाचक विशेषण (Adjective of Quantity)
(4)संकेतवाचक विशेषण (Demonstractive Adjective)
(5)व्यक्तिवाचक विशेषण (Proper Adjective)
1.गुणवाचक विशेषण :- जो विशेषण शब्द रंग,रूप ,आकार,अच्छाई ,बुराई,स्वाद आदि सम्बन्धी विशेषण बताते है,वे गुणवाचक विशेषण कहलाते है। जैसे - लंबा पेड़,लाल कार,सफ़ेद कमीज आदि।
नोट:- "किस प्रकार' का प्रश्न करने पर उत्तर में आनेवाला शब्द गुणवाचक विशेषण होगा।
2.परिमाणवाचक विशेषण :- माप या तौल- परिमाण सम्बन्धी विशेषता बताने वाले शब्द परिमाणवाचक विशेषण कहलाते है। जैसे -चार किलो चावल,थोड़ा आटा,बहुत पानी ,कम तेल ।
इसके भी दो भेद होते है :-
- निश्चित परिमाणवाचक :- जिस विशेषण शब्द से निश्चित परिमाण का बोध हो,उसे निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते है। जैसे - चार किलो चावल ।
- अनिश्चित परिमाणवाचक :- जिस विशेषण शब्द से किसी निश्चित परिमाण का बोध न हो पाये ,तो उसे अनिश्चित परिणामवाचक विशेषण कहते है। जैसे - थोड़ा पानी,कुछ दाल।
नोट :- "कितना "प्रश्न करने पर उत्तर में आने वाला शब्द परिमाणवाचक विशेषण कहते है।
3.संख्यावाचक विशेषण :- जिस विशेषण शब्द से संज्ञा की संख्या का ज्ञान होता है, उसे संख्यावाचक विशेषण कहते है। जैसे - पाँच केले,चार वृक्ष ,कुछ पतंगे ,दो गायें ।
संख्यावाचक विशेषण दो प्रकार के होते है -
- निश्चय संख्यावाचक :- जिससे निश्चित संख्या का बोध होता है। जैसे - पाँच केले ,चार वृक्ष ,तीन कलम।
- अनिश्चयवाचक संख्यावाचक :- इससे संख्या का निश्चित ज्ञान नही होता । जैसे - कुछ पतंगे ,कई दर्शक
नोट :- संज्ञा के पहले "कितना" लगाने पर जो उत्तर प्राप्त होता है,वह संकेतवाचक विशेषण होता है।
4.सार्वनामिक या संकेतवाचक विशेषण :- जिस सर्वनाम शब्दों का प्रयोग विशेषण के रूप में होता है,उसे सार्वनामिक विशेषण कहते है। जैसे - वह बालक ,वह पुस्तक ।
दूसरे शब्दों में- ( मैं, तू, वह ) के सिवा अन्य सर्वनाम जब किसी संज्ञा के पहले आते हैं, तब वे 'संकेतवाचक' या 'सार्वनामिक विशेषण' कहलाते हैं।
सरल शब्दों में- जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग संज्ञा के आगे उनके विशेषण के रूप में होता है, उन्हें सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।
जैसे- वह नौकर नहीं आया; यह घोड़ा अच्छा है।
यहाँ 'नौकर' और 'घोड़ा' संज्ञाओं के पहले विशेषण के रूप में 'वह' और 'यह' सर्वनाम आये हैं। अतः, ये सार्वनामिक विशेषण हैं।
नोट :- संज्ञा के पहले कौन सा लगाने से जो उत्तर प्राप्त होता है, वह सार्वनामिक विशेषण होता है।
5.व्यक्तिवाचक विशेषण :- जो शब्द संज्ञा की विशेषता बतलाते है, और व्यक्तिवाचक संज्ञा से बने होते है,उन्हें व्यक्तिवाचक विशेषण कहते है।
जैसे- इलाहाबाद से इलाहाबादी, जयपुर से जयपुरी, बनारस से बनारसी।
उदाहरण- 'इलाहाबादी' अमरूद मीठे होते है।
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